झूठ की नीव

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झूठ की नीव पर कौन रखना चाहता है रिश्ते ये तो इंसान है क्या करे?? इसकी फितरत तो खुदा ने ही बख्शी है। अगर फितरत में फरेब और मक्कारी न होती ...

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